- श्री समय-सतवाणी 437
- • अवतरण सम्पूर्ण मानवता के लिये 437
- • सनातन विष्णु वैष्णव सहिष्णुता ही स्थापित 438
- आदेश
- • अवतारों के प्रति मानसिकता व व्यवहार व उनके नाम के व्यवसायिक व निजी उपयोग सम्बन्धित 440
- श्री समय-सतवाणी 443
- अवतारों के नाम व कपोल-कल्पित चित्रांे के दुरूपयोग के सम्बन्ध में ऋषि द्वारा तथ्यात्मक विश्लेषण
- श्री अवतरण-प्रसंग समापन 445
- विश्व के अन्यान्य क्षेत्रों में अवतरित अन्य-अन्य महान व्यक्तियों का स्मरण
- श्री काल-भ्रम प्रसंग 449
- श्री समय-सतवाणी 449
- • संसार में बारंबार मानवता का पतन व अवतरण की आवश्यकता पर चित्तरथ का प्रश्न व ऋषि का उत्तर 449
- प्रसंग
- • निरन्तर हो रही अवस्था परिवर्तन का विश्लेषण 451
- • इच्छाओं की तीव्रता से उपजा संकट 452
- श्री चंचल मन शमन प्रसंग 456
- श्री समय-सतवाणी 456
- • आध्यात्मिकता एवम् भौतिकता के मध्य संतुलन व मन के आवेग को लेकर चित्तरथ के प्रश्न व ऋषि के उत्तर 456
- प्रसंग
- • मन व शुद्धात्मा के परस्पर सम्बन्ध से सम्बन्धित कथा-प्रसंग व संाकेतिक सिद्धंात 458