- (सत्यमित्रों के गुण)
- 74 श्री ग्रंथ-स्पर्ष एवम् पाठ्य विधान 1684
- 75 श्री सामूहिक दर्शनप्रकाश विधान 1688
- (सार्वजनिक रूप से व्यवस्था के अन्तर्गत ग्रंथ के पाठन की प्रक्रिया)
- 76 श्री भक्त वस्त्र चारण 1691
- (पूजा, उपासना व धार्मिक आयोजनों के लिये प्रस्तावित वेश-भूषा)
- श्री समय-सतवाणी 1693
- 77 श्री संगति संहिता एवम समासरण 1696
- (दैनिक उपासना विधि)
- 78 सौभाग्य मंगला 1719
- (आरती वंदना व नियमित पुण्य)
- 79 श्री स्व-विगृह-शुद्धि विधान 1723
- (अपने शरीर को शुद्ध व स्वच्छ रखने की विधा)
- श्री स्वः स्वस्थ यत्न प्रसंग 1731
- (अपने शरीर को स्वस्थ रखने की विधा)
- 80 श्री सु-गृह वृत्ति विधान प्रसंग 1734
- (अपने गृह को स्वच्छ व सकारात्मक रखने की विधा)