- 94 श्री दर्षन मंदिर1934
- श्री ब्रह्म सिंहासन 1937
- 95 श्रीजी कटुवाणी 1941
- (वर्तमान समाज में फैली बुराईयों पर श्रीजी द्वारा अत्यंत कठोर प्रहार)
- 96 श्री स्वदेश संदेश 1950
- (स्वदेश बंाधवों के लिये श्रीजी का संदेश)
- • विदेशी धारणा धारकों के प्रहार 1951
- • भारत-वसुंधरा पर निर्विवाद रूप से हिंदुओं का एकाधिकार 1951
- • ये देश महामनाओं की धरोहर 1952
- • इस देश के गौरव की पुनर्स्थापना उन महामनाओं व हुतात्माओं के प्रति हमारा कर्त्तव्य 1953
- • नई पीढ़ी में संस्कारों की स्थापना 1954
- • समर्थ हिंदुस्थान परिवार 1954
- • शस्त्र-प्रशिक्षण व धर्मयुद्ध 1954
- • श्री सनातन साम्राज्यम् की स्थापना कर्त्तव्य भी, अधिकार भी 1955
- 97 श्री समर्थ हिंदुस्थान 1956
- • हिंदुत्व-सत्य व एकमात्र धर्मनिरपेक्ष अवधारणा 1957
- • समर्थ हिंदुस्थान न्यास 1957