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  • • चित्त-गुप्त प्रक्रिया के आधार पर जीवन भर की क्रियाओं का परिणाम व न्याय 879
  • • काल-भ्रम-भंवर पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 881
  • • जड़ पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 883
  • • वनःस्पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 883
  • • जंतु पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 884
  • • मानव पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 885
  • • पितृ-पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 886
  • • देव-पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 886
  • • संत-पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 886
  • • अवतार-पद- किस प्रकार की त्रिगुणात्मा इस पद को प्राप्त करती हैं व वहाँ की स्थिति एवं मुक्ति मार्ग 887
  • • शून्य पद 888
  • श्री समय-सतवाणी 889
  • • मृत्यु के पश्चात आत्मा की स्थिति, संकट, पुनर्जन्म आदि स्थितियों की व्याख्या 890
  • • वृत्ति-अनुसार आत्मा की भिन्न-भिन्न स्थितियांँ, उनसे उत्पन्न संकट व समाधान 890
  • महाशयन प्रसंग 895
  • • निद्रा व महाशयन 895
  • • स्वप्न 896
  • • मृत्यु व मरना 896
  • • महानिद्रा को सिद्ध करना 896
  • • महाशयन के समय शारीरिक व तरंगीय स्थिति 897
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