Friday , May 9 2025
  • 9314179216
  • Privacy Policy


MENU

The Samarth Hindu VidhanThe Samarth Hindu Vidhan Granth

  • HOME
  • About Us
  • FAQ
  • Granth Index
  • Granth Start

  • श्री समय-सतवाणी 899
  • (महानिद्रा-सिद्धि व ज्ञान)
  • मृत्यु अनुभव 901
  • एक साधारण व्यक्ति को मृत्यु के समय क्या अनुभव होता है, किस प्रकार वह दूसरों के भावों को समझता है, स्वयं को अभिव्यक्त नहीं
    कर पाता, किस तरह की आवाजें सुनाई देती हैं, दूसरी आत्माओं के अस्तित्व का अनुभव किस प्रकार होता है आदि-आदि की व्याख्या
    इस अध्याय में की गई है। एक साधारण व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात के अनुभव व अज्ञानता के कारण उत्पन्न संकटों का साक्षात वर्णन
  • श्री समय-सतवाणी 912
  • श्री दिव्य यात्रा 913
  • मृत्यु के समय व उसके उपरंात के संकटों के समाधान व महाशयन आनन्द की प्राप्ति हेतु मानव देह के अन्तर्गत चैतन्यता की या़त्रा
    का अभ्यास व मृत्योपरंात मानव-मस्तिष्क से परम-आत्मा तक की दिव्य-यात्रा का वर्णन। अपने जीवन काल में दिव्य-यात्रा का अभ्यास से
    मृत्यु के पश्चात के सभी संतापों को हरते हुये, आत्मा दिव्य आनन्द को प्राप्त हो व यथा समय अपनी गति को प्राप्त हो
  • श्री समय-सतवाणी 930
  • • दिव्य-यात्रा का तथ्यात्मक विश्लेषण
  • श्री समय-सतवाणी 935
  • 12 श्री वाःअंतःवरण प्रसंग 936
  • • वातावरण क्या होता है 936
  • • वाःअंतःवरण क्या होता है व वातावरण और वाःअंतःवरण में परस्पर सम्बन्ध 936
  • • जो चाहो वो देने का सामर्थ्य वातावरण में 937
  • श्री समय-सतवाणी 938
  • • वातावरण से जो चाहो, वो प्राप्त करने की तथ्यात्मक विधि 938
Previous Page 30
Next Page 32
Powered by The Samarth Hindu Vidhan
© Copyright 2025, All Rights Reserved